Bihar Mukhyamantri Kanya Utthan Yojana 2025: बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय (बीआरएबीयू) की करीब 6800 बेटियाँ इस बार मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के लाभ से वंचित रह जाएंगी। वजह यह है कि पोर्टल और आधार कार्ड के डेटा में गड़बड़ी सामने आई है।
कहीं आधार में पति का नाम दर्ज है और पोर्टल पर पिता का नाम, तो कहीं जन्मतिथि में अंतर पाया गया। इन वजहों से संबंधित आवेदनों को अस्वीकार कर दिया गया। विश्वविद्यालय के विभिन्न कॉलेजों से आए कुल 87,497 आवेदन में से उतने ही आवेदन स्वीकार किए गए, जिनमें सभी कागजात पूरी तरह सही और मिलान योग्य पाए गए। इन छात्राओं को कन्या उत्थान योजना की राशि दी जाएगी।
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गड़बड़ी के कारण रुके 6800 आवेदन:
अधिकारियों ने बताया कि 6800 छात्राओं के आवेदन आगे नहीं बढ़ पाए। बड़ी संख्या में ऐसे मामले आए, जहाँ आधार कार्ड में पति का नाम दर्ज है और पोर्टल पर पिता का नाम। इस मिसमैच के कारण आवेदन सबमिट नहीं हो रहे थे। वहीं, कुछ छात्राओं की जन्मतिथि भी पोर्टल और आधार में अलग-अलग पाई गई। इसके चलते आवेदन रद्द हो गए।
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बिहार विश्विद्यालय के डीएसडब्ल्यू का बयान:
बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के डीएसडब्ल्यू आलोक प्रताप सिंह ने कहा कि जिन स्नातक पास छात्राओं ने सभी कागजात सही ढंग से जमा किए, उनका आवेदन स्वीकार कर लिया गया है। वहीं, जिन छात्राओं के कागजात में गड़बड़ी रही, वे इस बार वंचित रह गईं। अगली बार जब वे सही कागजात के साथ आवेदन करेंगी, तो उन्हें भी लाभ मिलेगा।
सबसे अधिक आवेदन 2020-23 सत्र की छात्राओं का:
कन्या उत्थान योजना के तहत वर्ष 2018 से 2021-24 तक स्नातक पास छात्राओं को आवेदन का मौका दिया गया था। इसमें सबसे अधिक आवेदन 2020-23 सत्र की छात्राओं ने किया। अधिकारियों के अनुसार इस सत्र की 55% से अधिक छात्राओं को योजना का लाभ मिलेगा।